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A Secret Weapon For shiv chalisa lyrics aarti

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पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें। देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ https://shivchalisas.com

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